शनिवार, 2 अप्रैल 2022

पानी के बिना हम जियेंगे कैसे?

 पानी हमारे लिए जीवन की डोर है. यदि हाथ से डोर छूटी तो जीवन ही खत्म. इसलिए पानी की महत्ता हम सबको समझ समझ आनी चाहिए.

मरुस्थल एरिया में रह रहे लोगों को केवल सजग होने के उपदेश देने वाले लोग खुद से पानी बचाने की मुहिम में यदि शामिल नहीं होते हैं तो देश किस ओर पहुंचेगा यह कहना मुश्किल है. पानी के लिए हमारी जरूरतें क्या हैं? हमें इन्हें कैसे संरक्षित करना है यह तो लोग सोच ही नहीं रहे हैं. रामराज का असली लाभ तभी मलेगा जब गांव में रहने वाले, गांव के विकास कार्य से जुड़ी प्लानिंग और मैनेजमेंट तक में सक्रिय सहभागता हो...प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के शब्द. अभी तक हमारे समाज में केवल पानी को लेकर जागरूकता  बहुत कम है.

भारत समेत दुनिया के विभिन्न कोने में पानी को लेकर जताई जा रही चिंता हमारे होश उड़ने वाली हैं. हमारे नदी, पोखर और नहरें सब सूख रहे हैं. पेड़ों को लगाने वाले लोग कम बचे हैं और जो जंगल हमारे पूर्वज देकर गए थे उन्हें हम काटते जा रहे हैं.

हमें तो बीएस यही चिंता है कि पानी के बिना हम जियेंगे कैसे?